कवि,कहानी लेखक Youtube पर shubham pandey gagan सब्सक्राइब करिये।
Share with friendsजितना राम नाम लोगों की ज़ुबान पर है अगर इतना ह्रदय और चरित्र में लोग उतार लेते तो कदाचित कृष्ण, बुद्ध का जन्म न होता --- शुभम पांडेय 'गगन"
इंसान का स्वभाव है स्वार्थी होना लेकिन प्रकृति सबको बराबर देती है ये समाज ही लोगों को स्वार्थी भावना बढ़ाती है जो घातक है।
तुम बिन सब कुछ अधूरा लगता है जैसे हर खाना नमक बिन अधूरा लगता है तेरे मेरे बीच ये क्या रिश्ता बन गया है तुम न हो तो साथ मेरा अधूरा लगता है
तेरे इश्क़ से महरूम हो गए पास होकर न जाने क्यों दूर हो गए तुम याद करती हो या भूल गयी तुम्हें याद करने को हम मजबूर हो गए।
विश्वास एक डायनामाइट जैसे खतरनाक चीज़ है जिसे बनाने में समय बहुत लगता और टूटने पर विध्वंस भी उतना करता है। शुभम पांडेय गगन