जाति और धर्म से बढ़कर इंसानियत है। इंसान होने से पता चलता है कि हर धर्म और जाति इंसानियत के आगे बहुत छोटी है|
जाति और धर्म से बढ़कर इंसानियत है। इंसान होने से पता चलता है कि हर धर्म और जाति इंसानियत के आगे बहुत छोटी है|
दो पल के लिए ही सही , तुमसे फिर मिलना चाहता हु | हाथ थाम कर तुम्हारा, फिर से तुम्हारे साथ चलना चाहता हु |