कहानीकार कह लो ,, इतनी ही पहचान है मेरी 😊।
Share with friendsमेरे हर दर्द की वजह है जो, ए मेरे मालिक,,! उसे कोई दुख न देना , क्योंकि ये उसी के कर्म , लौट कर उस तक जायेंगे, ये नही जानता है वो । श्रद्धा मीरा ✍️
मुझे दिल में बसाने की कोशिश न कर , मैं एक ख्याल हूं मुझे यूं ही गुज़र जाने दे। क्योंकि दिल नहीं है मेरे पास, तू मेरी फ़िक्र छोड़, और अपनी ज़िंदगी सुधर जाने दे । । श्रद्धा 'मीरा'
हमने लोगों की शख्सियत क्या पहचानी , उन्होंने हमारी अहमियत ख़त्म कर दी । तो सुनो अपनी अकड़ का मिज़ाज उठाकर चलते बनो। हमे हमारा गुरूर बेहद पसंद है। श्रद्धा मीरा ✍️
ए आसमां के फरिश्ते , कह दे तू वक्त से कि अपना रुख मोड़ ले। जिन ज़ंजीरों से बांधा है तूने हमें , उनको भी वो तोड़ दे । और हम उस वक्त की गुलामी करें ये हमे मंज़ूर नहीं । तो बोल फरिश्ते उस वक्त से , कि हमें बार बार आज़माना छोड़ दे । श्रद्धा 'मीरा'✍️