जीवन परिचय नाम:-नन्दलाल मणि त्रिपाठी साहित्यिक नाम:-पीताम्बर जन्मतिथि:-10/01/1962 जन्मस्थान:- रतनपुरा देवरिया उत्तर प्रदेश माता का नाम:-स्वर्गीय सरस्वती त्रिपाठी यशोदा पिता का नाम:-स्वर्गीय वसुदेव मणि त्रिपाठी शिक्षा:-स्नातकोत्तर वर्तमान में कार्य:-सेवा निबृत्त प्राचार्य वर्तमान... Read more
Share with friendsसामाजिक संबंधों के मध्य एक बहुत महीन भवनात्मक धागा होता है जो सम्बन्धो को मजबूती से जोड़े रखता है भवनाओ के ए धागे तब कमजोर और टूटने लगते है जब छल छद्म प्रपंच कपट का समावेश होता है।।
सुरक्षा बोध का कवच है जो निश्चिन्त मार्ग का प्रशस्त प्रयोग मात्र है एव किसी भी सफलता के लिए अति आवश्यक है।।
वीरता शौर्य बैराग्य एव शांत चित्त विशुद्व अंतःकरण धीर धैर्य गम्भीर का ही वरण करती है उत्तेजना उग्रता काम क्रोध मोह इसके शत्रु है।।
भक्ति भावनाओं का ज्वार है जिसका बीज है विश्वस ,बृक्ष है आस्तिक अस्तित्व कि आस्था, जो भक्ति को शीतल छांव एव प्रेरणा प्रदान करती है।।
भक्ति भाव एव भावना है जिसकी उतपत्ति प्रेरणा कि कोख से होती है जिसका बीजारोपण प्रस्फुटन विश्वास के आकाश और आस्था कि अविनि से होता है।।