वो हमसे कहते हैं कि उन्हें हसरत है हमें पा लेने की,, दो कदम जरा साथ चलो क्या अदा है प्यार जताने की।।।
सब चाहे कृष्ण सा जीवन हकीकत में सब झूठ लाए जन्म ले कारावास में माता यसोदा के नंद कहलाये ना मिली मनप्रीत राधा कहां गोपियों संग रास दिखाए लाज राखन की सोलह हजार रानियां मन में रखे राधा की आस लगाये नहीं आसान बनना कृष्ण सा जीवन जो करे खुद को समाज पर अर्पण....
हम भूल कर घर सब कुछ हैं बैठे सपने से निकले और हकीकत में जा बैठे निकल कर गए वो नज़दीक से हमारे यूँ मिली उनसे नज़रें और हम दिल हार बैठे।
जब भी बरसात होती है , तेरी याद ओर भी आती है, दोनों का छत पे आना , एक दूसरे को प्यार से देखना दूर तो था घर मेरा तुझसे फिर भी ज़ुबान पे बस सिर्फ़ तेरा ही नाम था, जब भी बरसात होती हैं, तो ये पानी की छूअन और तेरी यादें ताज़ी हो जाती हैं…
उलझी उलझी सी लगती है यह रातें मेरी सुलझाने इक रोज़ तुम आ जाओ ना सुलझे सुलझे से लगते हैं जज़्बात मेरे थोड़ा थोड़ा सा उलझा जाओ ना अधूरे अधूरे से कुछ सवाल मेरे जबाब उनके तुम दे जाओ ना बस फासला ही तो है कुछ दूरी का इक कदम मैं इक तुम बढ़ाओ ना इक बार तुम आओ ना ........
मेरे दिल के सबसे करीब है मेरे पापा मेरी जिंदगी का एहसास है मेरे पापा मेरी पूरी कायनात है मेरे पापा मेरे भगवान है मेरे पापा मेरी जमी मेरा आसमान है मेरे पापा मेरी हंसी मेरा प्यार है मेरे पापा मेरी हर ख्वाहिश मेरा गुमान है मेरे पापा मेरा मुकाम मेरी मंजिल है मेरे पापा मेरी हर दुआ है मेरे पापा मेरे हर शब्द की पहचान है मेरे पापा .....