कोहरे की तरह वो आजकल नकाब ओढ़ने लगा है
लगता है दिसंबर का उसपर बहुत भारी असर पड़ा है
हम खुद को बरगद बनाकर जमाने भर को छाँव कर
अमृत उत्सव अब हम खुद को भी अच्छे लगते है
नेता लाल बत्ती पर एक मिनट भी नहीं ठहर सकते
पर लाल बत्ती में घंटों गुजार देते है
हाँ हाँ.. हत्यारा हूँ मैं
परिवार का पेट पालने को बन गया मैं हत्यारा
मैंनें खुद के हाथों खुद के ख्वाबों कोडाला डाला
हत्यारा हूँ मैं