Lecturer by Profession and a Poet by Passion.
ख़्वाब को ख्वाहिशों में क़ैद नहीं किया करते हैं नए पंख लगा कर ऊंचाइयों पर हम उड़ा करते हैं
चेहरों पर चेहरे लगा कर आती है जिम्मेदारी हूं कह कर मुस्कुराती है कई रंगों के लिहाफ दिखाती है फिर भी ज़िंदगी की बाज़ी में हरा जाती है