Mayank Vats
Literary Lieutenant
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एक लेखक बनने की कोशिश कर रहे हैं

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खुद के साथ problem create करो तभी समझदार बनोगे, वरना बिखर जाओगे क्योकि अगर सोना जलेगा नही तो उसमे चमक कहां से आएंगी मयंक

कौन से शब्द मे लिखूं मां की तारीफ , "जनाब " मां अपनी सुंदरता त्याग देती है अपने बच्चों के खातिर मयंक

ये जो अपने हाथों को झट से खींच लेती हो तुम अर्से बीत जाते है इनको फिर से मिलाने मे मयंक

आज फिर नींद को आँखो से बिछड़ते देखा अपनी जिंदगी को ख्वाबों से लड़ते देखा मिलने आती थी जो संवरकर मेरे लिए आज उसे भी किसी और के लिए संवरते देखा

हर रिश्ते पराए और सपने होते हैं बस एक परिवार ही है जो अपने होते हैं

यादों के मेला मे वो भी साथ चली गई ना जाने मेरे दिल के बचपन कहाँ चली गई

कुछ खास दिन आज भी है हमारे देश में आज फिर एक बाप का सर नीचा होगा Happy chocolate day

बहुत मेहनत से बाप ने अपना नाम कमाया था गाँव में बेटी ने एक चॉकलेट के खातिर सब कुछ मिटा दिया

बहुत कुछ सिखने को मिलती है उस गुलाब से जो खुद टूट के भी दो दिल को जोड़ देती है Happy rose day


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