अपने पहले उपन्यास "अठन्नी वाले बाबूजी" के लिए ३३ वर्ष की आयु में महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी पुरस्कार , कहानी संग्रह चवन्नी का मेला की चर्चित कहानी तेरे को मेरे पर हिन्दी फिल्म का निर्माण, एक दर्जन पत्र पत्रिकाओं का सम्पादन,रेडियों टेलीविजन पर रचनाये प्रसारित, अनेकों सम्मान,
ବନ୍ଧୁମାନଙ୍କ ସହ ବାଣ୍ଟନ୍ତୁNo Quote contents submitted.