I'm Rituja Singh and I love to read StoryMirror contents.
"जिन्दगी! तेरी मशरूफियत से खफा होकर जा रही है तुझसे दूर बेवफा होकर उसके हर पल में बेहिसाब तू था, तू ही जिद और जूनून तू था... चैन तो था ही सूकून तू था ... तेरी उस फितरत से तनहा होकर जा रही है 'जिन्दगी' दूर जुदा होकर" -ऋतुजा -ऋतुजा