वो अक्सर कहते थे
हम बहुत बुरे हैं,
और एक दिन ऐसा हुआ
कि ये साबित भी हो गया..
इंदु तिवारी
भूलता कुछ भी नहीं था वो,
पर अचानक एक दिन मुझे भूल गया सदा सदा के लिए..
इंदु तिवारी
कभी मुझसे गलती हुई,
और कभी गलती से गलती हुई,
और कभी कोई गलती भी न हुई,
लेकिन सजा मुझे भरपूर मिली..
इंदु तिवारी
वक़्त और नसीब की बात है जनाब.. कोई कुछ खो कर सुकून पा लेता है, और कोई बहुत कुछ पा कर भी खाली रह जाता है..!!
इंदु तिवारी
बहुत कुछ टूटने, बिखरने के बाद भी
लगता है कि कहीं तो कुछ बचा है...
इंदु तिवारी
बेशक़ तुम मुकर गए हो अपने वादे से,
लेकिन मुहब्बत मेरी कभी बेवफ़ा न होगी..!!
जिसे अपने क्या किसी दूसरे
के बच्चे में भी कोई कमी न दिखे, वो सिर्फ माँ ही होती है..!!
उम्र तो तेरी कोख में ही बढ़ी माँ,
उसके बाद तो हर दिन कम ही हुई है..
इंदु तिवारी
उत्कृष्ट प्रेम की पराकाष्ठा
"माँ"
इंदु तिवारी