माँ! शुक्रिया अदा कर सकूँ शब्दों में आपकी महानता का इतनी शक्ति, सामर्थ्य मेरी कलम में मौजूद नहीं है।
दुनिया में लाख सुखविधाओं के साधन हो भले पर जहां की ख़ुशियाँ से भी अधिक ख़ुशी जहाँ मिलती है उसका नाम है परिवार हाँ परिवार।
एक लक्ष्य निर्धारित कीजिए।मंजिल जब तक न मिले थक कर हार कर मत बैठिए।सफलता एक दिन निश्चित मिल जाएगी।बस खूब मेहनत कीजिए।-कुमार संदीप
लक्ष्य यदि नजर पे हो और मंजिल पाने की अपार चाहत हो तो कोई भी बाधा मंजिल की राह की रुकावट नहीं बन सकती।आत्मविश्वास हर परिस्थिति में मजबूत रखें।
माता-पिता की उम्मीद की किरण हो तुम युवा खुद को बनाओ काबिल मुश्किलों से लड़ो युवा नकारात्मक विचार को खुद के अंदर न पनपे दो इक दिन निश्चित ही सफलता मिलेगी तुम्हें युवा। कुमार संदीप