नादां सा बचपन मेरा, बचपन सी नादां मैं।
तेरे दिल में तूफ़ान बहुत हैं मेरी जान तू अंजान बहुत हैं। मेरा ठिकाना नहीं इस जहां में हर गली में तेरे मकान बहुत हैं। ✍🏻✍🏻माही