सुनील पवार
Literary Captain
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मैं एक आशा की किरण सा चला जाता हूं मैं ओर मैं बस एक आस ओर आशा की किरण हु

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tod band tr tumhi adchanit yenar nahi

ham jindgi khane ky liye nahi jite khate to kutte bhi hai sunil pawar

जिंदगी प्रकृति का सुंदर नियम है इसे हँसकर हर बाधाओ को पार करना ही जिदगी है और जिंदगी ही प्रकुर्ति से सजती है

बचपन के खेल कोई फिरसे खिला दे, उम्र मेरी लेले और मुझें बच्चा बना दे।। रूठे हुए दोस्त को कोई तो मना दे, कट्टी चुप्पी वाला दौर काश कोई फिरसे चला दे।।

सुनते हैं ख़ुशी भी है ज़माने में कोई चीज़ हम ढूँडते फिरते हैं किधर है ये कहाँ है

ख़ुशी मेरी तलाश में दिन-रात यूँ ही भटकती रह, उसे हमारा घर मिला और हमे वो मिल गई

जब भी मैं दुनिया से थक जाता हूं ओर घर जाता हूं सारी दुनिया भूल जाता हूं

जिंदगी ये गमो से भरी खुशिया बाटते चलो, ना जाने कोनसा पल आखरी होगा

जब तक हम किसी भी काम को करने की कोशिश नही करते हैं, जब तक हमे वो काम नामुमकिन ही लगता है।


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