मेहरा_उपेन्द्र सरकारी बैंक में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं तथा भोपाल में निवास करते हैं। इन्होंने लेखन के बारें में कभी सोचा नहीं था किन्तु वर्तमान में इनकी किताब "5 लाइक्स ऑफ सेक्रिफाइज़" प्रकाशित हो रही है तथा आगे भी दो नोवेल पर काम कर रहे हैं। वह सामाजिक मुद्दों पर लिखना पसंद करते हैं... Read more
Share with friendsआज फिर जी लूँ.. शब्दों से एहसासों को बुन लूँ,.. किस्मत आ मेरे करीब.. तुझे एक बार और अजमा लूँ.. 5 लाइक्स ऑफ सेक्रिफाइज़
मुश्किल डगर है क्योंकि अनजान सफर है.. राही हम अकेले हैं और बस तन्हा सफर है... Written By✍: मेहरा_उपेन्द्र
मुश्किल कुछ भी नहीं.. अगर दिल में तूफान है.. राहों में काँटें भी हो तो कदमों में उड़ान है... माना कि शौक हमें चुनौतियों से निपटने का है.. पर इसका मतलब यह नहीं कि जिंदगीं तू पल-पल "मेहरा" का इम्तेहान ले... ✍: मेहरा_उपेन्द्र
"मेहरा" की धड़कनों ने ही तो सारा शोर मचा रखा है .. वरना आँखों को तो दूर-दूर तक खामोशी ही दिखाई देती है | ✍मेहरा_उपेन्द्र
छोटी-सी जिन्दगीं लेकर आयें हैं.. कुछ बड़ा कर के जायेंगे... जितने भी पल उसने दिये हैं.. उन पलों में सदियां जी जायेंगे... ✍मेहरा_उपेन्द्र