पापा के लिए क्या है कहना?
वो तो है परिवार का गहना।
Send someone to fetch water,
He himself drinks first,
This is life sir,
Here everyone lives for himself first.
जिस दिन सादगी श्रृंगार हो जाएगी,
उस दिन दर्पण की हार हो जाएगी।
अगर पहला प्यार सच्चा था तो दूसरा हुआ क्यों?
और अगर दूसरा प्यार सच्चा है तो पहला याद क्यों है?
सफ़ेद रंग की फितरत ही मिलावटी होती है,
सच्चा इश्क तो सांवले रंग से होता है।
इसकी हर प्यास मुझे अब सच्ची लगती है,
ये जो चाय है ना मुझे बहुत अच्छी लगती है।
उसे देखते ही चेहरा कुछ यूँ खिल जाता है,
जैसे उसके होने से मुझे सब कुछ मिल जाता है।
चेहरे अक्सर झूठ भी बोला करते हैं,
रिश्तों की हकीकत वक़्त पर पता चलती है।
ना मस्जिद के मौलवी से ना मंदिर के पुजारी से,
मुझे दुआ मिली तो बाहर बैठे उसके भिखारी से।