वो गर्मी में बारिश की पहली फुहार है।
हाँ, वही मेरा पहला प्यार है
हम बुरे ही सही
तुम ही अच्छे बन कर दिखा देते
अंतिम बार ही सही
एक बार तो गले लगा लेते
पता था सब एक जैसे होते है
काश तुम ही मेरा यह भरम मिटा देते
चूड़ी, बिंदी, सिंदूर
इसमे ही है
नारी का सुख
भरपूर
हम बने थे तबाह होने को
तेरा मिलना तो एक बहाना था
रूप दे कर मुझे वो सहजादी का
अपने बच्चो को कहानी वो सुनाएगा
खुद को समर्पित कर दो खुद को
एक दिन कुछ बन जाओगे
जलते है देख जो तुमको
उनको ओर जलाने के काम आओगे
हर बुरे दिन के बाद
अच्छा दिन भी आता है
जो हमे
बहुत कुछ सिखाता है
सच ही कहते है लोग
एक दिन तो खाली हाथ चले जाना है
क्यों न प्यार कर के
कुछ नया कर दिखाना है
सुनो
बहुत हो गया
प्यार में तड़पाना
अगर मेरे हो
तभी मेरे पास आना