मेरा नाम आदित्य पाठक है ।हिन्दी साहित्य से स्नातकोत्तर हूँ ।स्वर्णपदक प्राप्त हूँ।जे.आर.एफ.हूँ ।शोधार्थी हूँ।
दूर होकर भी तुम अब करीब आ गई टूटते ही मुझे आशिकी आ गई ।