His name is Rahul Chandel 'Lambardar' born in Kanpur. He is a focused writter with more than 8 years of rich experience of story/poetry writing & book's review. He started as a quote writer but prefer writing short stories and novels. Many of his write ups are published in anthologies, blogs,... Read more
Share with friendsCheck my book published on YourQuote at https://www.yourquote.in/rahul-s-chandel-brfwy/books/untitled-thoughts-d3l
जब हम किसी परेशानी से गुजरते हैं या कुछ भी हमारे साथ गलत होता है तो हम सुधरने के बजाए बदलने में जल्दी यकीन कर लेते हैं। और हमको लगता है कि खुद को बदल लेना और वैसा बना लेना जैसे सब हैं यही एक रास्ता है।आपको वास्तविक रहना चाहिए। जो जैसे है स्वयं में संपूर्ण है।
एक ही दिन जब सूर्य निकला होता है तो उजाला होता है और सूरज जाने के बाद रात हो जाती है यहां दिन रात जैसा कुछ नहीं है बस जब प्रकाश कम हो गया तो रात दिखने लगी और जब प्रकाश ज्यादा हो गया तो दिन।
मेरे दिन तो कन्हैया की भक्ति में गुजर जाते हैं, फकीर है फरीरो की महफिल में नजर आते हैं। एक बार जो तेरी इनायक हो जाए न सांवरिया, तो कांच के टुकड़े भी हीरे में बदल जाते हैं।।
थोड़ा सा लड़ता है थोड़ा सा झगड़ता है, समझता बहुत है मुझे, रास्ता दिखाता भी है मुझे। दूसरे को देख कर ही सीखो, लोगो से पूछ कर करो, मेरी खुशी में, मेरे साथ सजता है। मेरा परिवार मुझे समझता है।