Komal Chowdhari
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जिंदगी तब बेहतर थी, जब ये जीने के तरिके से अंजान थी.......kkk

किसी ने मुझसे पूछा क्या तुमने भगवान को देखा? मैंने कहा नहीं. फिर उसने पूछा क्या तुम्हें पता है दुनिया का सर्वोत्तम शिक्षक कौन है? मैंने कहा ना. फिर उसने कहा क्या तुम जानते हो लोग अमीर और गरीब क्यों होते हैं ? मैंने कहा, मैंने समय को बनाते, बिगाड़ते, पढ़ाते और बदलते देखा है......

वो लोग अक्सर महफ़िल में भी अंधेरों का साथ ढुंढ लेते हैं, जो अपनों से ठोकर खाए हो, जी रहे हैं क्योंकि कि मर नहीं सकते, वरना ज़हम में हम जींदा भी है या नहीं? ये सवाल हर पहेर आता है......

एक मजबूत किताब का वह फटा हुआ पन्ना बनकर रह गई हैं जिंदगी, जिसका अतीत तो सुहाना था, वर्तमान कहीं खो गया है और भविष्य का कोई पता नहीं.........

मैं आखरी कोशिश तक टूटूंगी नहीं भरोसा रख ए जिंदगी, गर टूट गई तो समझ लेना मेरा मुकद्दर बिख़रना नहीं..! राख में ख़ाक होना होगा.. कोमल चौधरी

Apno se to vo gair hi ache hai, jo musibat ke waqt kam se kam muskura kar baat to karte hai.......

बेशक मैं तुझे अपनी जान से ज्यादा चाहती हूं, लेकिन मेरा आत्मसम्मान मेरी चाहत से कई बढ़कर है |

अगर बनना है तो समुंदर सा विशाल हदृय वाला बनो, जो अपने आप में करोड़ों प्राणियों को समेट कर भी उफ़ तक नहीं करता, और एक इंसान जो अपनी ही बेटी को पराया धन कह कर पालता है......


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