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एक कागज़ की कश्ती और बारिश का पानी वो शायर बेगाना झूमती देख वो ग़ज़ल दीवानी।।
कृष्णा कृष्णा करती मीरा आंखें छलकाए भी कैसे जब आँखों में उनकी राधा को ही देखा।।
वो उसकी दुनिया में कुछ यूँ खो गयी मानो उसकी हर कविता भी कमली उसके यार की हो गयी..