हश्र मुझे मालूम है फिर भी में सब्र किए जा रहा हु मंज़िल मेरी कब्र है फिर भी में सफ़र किए जा रहा हु ,, authormoinkhan
जिंदगी एक दिन होनी फानी है ये तो सबने जानी है लेकिन जो लिख डाले उसी की कहानी है
ख़ाक से उठा था ख़ाक में ही मिल गया
ऐ गुरुर करने वाले बंदे जरा ये तो बता
तू दुनिया से लेकर क्या गया
ऐ यारो किस चीज का शौक मना रहे हों
इधर कानों में पुलवामा जवानों कि गूंजे गूंज रही हैं
और आप सब यहां बैठकर वेलेंटाइन डे की खुशियां मना रहे हों
वेलेंटाइन डे
मोइन खान
दुनिया में मां से बढ़कर कोई चीज़ नहीं हो सकतीं
और अपने लाड़ले को भूखा देखकर कोई भी
चैन से सो नहीं सकतीं
नैनों में उसने यूं अपनी अदा
का रस घोला की में अपनों को गैर
और गैरो को अपना समझने लगा
जिंदगी के लम्हे कुछ ऐसे गुजरे
जैसे बिना वफ़ा के दिल का अकेलापन
चलता जा मुसाफिर मंजिल ना कर फ़िक्र
खुदा खुद पहुचायेगा जिस मंजिल पर तेरी हैं
नज़र
इश्क वाजुओ में खून बनकर घुलता रहा
में हमेशा अपनों को गैर समझ कर जलता रहा ।