शिकायतें तो होंगी तुम्हे
मुझसे मेरे दोस्त!
बस गुजारिश है इतनी
मेरे सामने कहो!!
बुरे वक्त में जो साथ निभा देता है!
वो शख्स फिर भरोसा जगा देता है!!
मुझे पता है मेरे उसूल तुम्हे गवारा ना होंगे,
इसलिए मैं अक्सर खामोशियां ओढ़ लेता हूं..
कौन हो तुम हे अपरिचित!
परिचयों की भीड़ मे..
चेहरा तो अनजान है..
क्या मन की कुछ पहचान है?
काश तुमने दिल मेरा पहले तोड़ा होता..
यूँ गुमनाम अब तक मेरे गीत ना होते...
अजी आंसू नहीं है कंकड़ कोई आया होगा..
यूँ ना इतरा कि मुझे तूने रुलाया होगा...
हराना है मुझे!!
धोखे से!!
चले आओ!
ध्यान रखना मगर..
लिबास गैरों का पहन के आना..
अपनों पे यकीन कब का मैने छोड़ दिया..
पत्तों पर गिरी ओस सी,
गिलहरी के ताजा बच्चों सी,
फूटती नई कोपलों सी,
नर्म नाजुक होती हैं बेटियां...
वो दूर हो हमसे कितने भी,
पर सदा पास में रहते हैं..
ये कैसी अनुभूति है मधुर,
क्या प्यार इसी को कहते हैं.