मैं एक हिन्दी सेवी हूँ। हिंदी में मेरी जान बसती है। मैंने हिंदी साहित्य में अपना कदम कुछ वर्ष पूर्व रखा है। अब तक मैं ने पाँच सौ से अधिक कविता, कहानियां एवं गजल का सृजन किया है अनेक पुरस्कार भी मिले हैं। मैं एक प्रतिष्ठित विद्यालय में अध्यापन करती हूँ।
நண்பர்களுடன் பகிரकभी चिंता अपनी भी अवश्य कर लेना जीवन पथ में कर्तव्य को अहमियत है देना। आप चंगे रहोगे तभी जीवन सुखमय होगा।