विचारों में उठा है तू आज जहाँ से
बस एक कदम आगे बढ़कर सो।
फिर देख वह मंजर भी दूर नहीं जब
कदमों के नीचे बुलंदियाँ और तेरे
हौंसलों में आसमान होगा।
खुशियाँ कदम चूमेंगी और तू
तकदीर का बादशाह होगा।।
विचारों में उठा है तू आज जहाँ से
बस एक कदम आगे बढ़कर सो।
फिर देख वह मंजर भी दूर नहीं जब
कदमों के नीचे बुलंदियाँ और तेरे
हौंसलों में आसमान होगा।
खुशियाँ कदम चूमेंगी और तू
तकदीर का बादशाह होगा।।