Journalist https://www.youtube.com/user/guptaneha832
Share with friendsतुम्हे खुद से छुड़ाते देख बहुत तकलीफ़ हुई, जैसे कुछ टूटा हो कभी ना भरने के लिए ज़रूर वो इश्क़ ही होगा तभी आवाज़ नही आई वरना चीज़ों के टूटने की आवाज़ तो पूरे घर में सुनाई देती है और एक टूटन दीवारे भी सुनती हैं इसीलिए दरकने जल्दी लगती हैं। Nehaa Gupta
तुम पास आए कुछ इस तरह, जैसे पानी में घुलती हुई चीनी। तुम रूह में समाए कुछ इस तरह, जैसे इश्क़ की हर घूट है मुझे पीनी। Nehaa Gupta