मशहूर होना मेरा मकसद नहीं, ये कोशिश है कि मेरे जज़्बात हर ज़ुबा तक पहुंचे..... दिलों को सुकून दिला न पाए, तो क्या फर्क पड़ता है हम कहाँ तक पहुंचे।
वतन पे मिटने वालों का , श्रेष्ठ लहु व्यथ॔ न जाएगा। धरा पर गिरा रक्त का हर एक कण, उनकी गौरव गाथा लिख आएगा। उन्हीं से है पहचान देश की, उनके दम पे तिरंगा लहराएगा। हथेली पे जान लिए जो डटे रहे कज़॔ उनका यह देश कभी न चुका पाएगा। 🖋सुनीता मिश्रा सुनीति