भाग कर कहाँ जाएगी
रंगो से ना बच पाएगी
गुलाल नहीं यहां सिर्फ
प्यार ही प्यार पाएगी
अर्चना गोयल 'माही'
अंधेरों से डर कर क्युं भागु
जब मालुम है उजालो को
एक दिन आना है और घोर
अंधियारे को छँट जाना है
समय का पहिया चलता जाए
रोको भरकस वो रुक न पाए
रुक जाए चाहे सासों का समंदर
पर समय का दरिया बहता जाए
जब मन खुश होता है तो खाने के लिए जीते है
और जब जेब खाली हो जीने के लिए खाते है
गम से लड़ कर मिली खुशी का जवाब नही
बिना संघर्ष के मिली खुशी में वो स्वाद नही
हर पल आपको याद करते है
अपने ख्यालो मे साथ रखते है
जाए कही भी मन्दिर मस्जिद गुरुद्दारे
बस आपकी खुशियो की फरियाद करते है