@dr-shilpi-srivastava

Dr.Shilpi Srivastava
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मैं डॉ. शिल्पी श्रीवास्तव निवासी मेंहदौरी कॉलोनी प्रयागराज।वर्तमान में मैं एम.पी.वी.एम.गंगागुरुकुलम विद्यालय, प्रयागराज में हिंदी और संस्कृत के अध्यापिका हूँ। मैंने वर्ष 2002 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम.ए. की परी।क्षा उत्तीर्ण की एवं सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल प्राप्त... Read more

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है शिकायत मुझे आज उस बात से, जिसकी मैंने किसी से भी चर्चा न की, है शिकायत मुझे अपने जज़्बात से, जिसकी खुलकर कभी मैंने परवाह न की।

ऐ ज़िंदगी तुझे जीने का मौका ही नहीं मिलता, जब मौका मिलेगा शायद! तब तू संग न होगी ।

अपनी ही धुन में रहने का मज़ा ही कुछ और है, ख़ुद से ही बातें करने का मज़ा ही कुछ और है ।

शिक़वा है ज़िंदगी से बस एक बात का, जो दिल का नूर था वही 'दर्द ए ज़िगर' बना।

ऐ ज़िंदगी हर साँस में तेरी नियामत है , तू जो ग़र यूँ साथ तो दुनिया सलामत है ।

ऐ ज़िंदगी हर साँस में तेरी नियामत है , तू जो ग़र यूँ साथ तो दुनिया सलामत है ।


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