UPASANA PANDEY
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कहती है मुझसे, आँसुओं की धार। तुम बिन न दे पाये मुझको करार। - डॉ. उपासना पाण्डेय

तुम बिन साँसे , काँटों का हार । तिनका भी करता , गहरा प्रहार। -डॉ. उपासना पाण्डेय

पिताजी की गोद में खेलना, उनका बिटिया से लाड लगाना। भाग्यवान बेटियों को ही मिलता है....😊

पिताजी का प्रेम, मर्यादामय स्नेह। सदैव स्वर्ग सा बनाए हमारा गृह।

विरह की वेदना बढ़ाओ न , सपनों में यूँ सताओ न ।

तुम्हारा जाना ज़िन्दगी बेज़ार कर गया। हाँ, सच कहूँ यादों को गुलज़ार कर गया।

माना इश्क करना आसान नहीं, किसी पर मरना आसान नहीं। सोचती रही हर पल "उपासना" क्या करें दिल की कमान हाथ नहीं


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