कविता एवं कहानी लेखन में रुचि , विद्यालय में कार्यरत , सामाजिक , पर्यावरण एवं काल्पनिक विषयों के आधार पर लेखन । अन्तर्मन के भीतर की उथल पुथल को शब्दों में पिरोने का प्रयास कविता एवं कहानी के माध्यम से ।
Share with friendsमेरे जीवन की गागर नित आँसुओं से... छलकी मानो किसी ने आवाज़ देकर कहा यही तो है जीवन की परीक्षा की है ...झलकी @कुसुम लखेड़ा
कोशिश की स्याही से लिखते हैं जो अपनी तकदीर ! बदल देते हैं फिर वह अपनी क़िस्मत की तस्वीर !! #कुसुम लखेड़ा
प्रेम बंधन नहीं है ... प्रेम मुक्ति का द्वार है ! प्रेम विकार नहीं है ... प्रेम भाव उदात्त एवं उदार है !# कुसुम लखेड़ा
संकीर्ण नज़रिए को न अपनाते दिल अपनों का अगर न दुखाते तो शायद कई परिवार बिखरने से बच जाते ! #कुसुम लखेड़ा
जीवन के कुछ पल जो यूँ ही गुज़र जाएँगे ,देखना कैसे तड़पाएँगे ...इन पलों को कैद करना चाहा ..पर लाख कोशिशों से पाया कि बीतने वाला पल बीत ही जाता है .. उसके बाद याद ही आता है @कुसुम लखेड़ा