समय की धारा में उम्र बह जानी है , जो जिंदगी जी लेंगे हम लोग यहीं यादगार बन जानी है ।
सुषमा कुमारी
जिस –जिस पर जग हँसा ,उस – उस ने इतिहास रचा ।
आंखो में सपना कंधो पर भार, इसे कहते हैं मां का प्यार ।
काश अगर मैं नेता होता,
वे रोजगार न मेरा बेटा होता।।
ठिकेदारी उसके नाम करता,
पैसे वालों में नाम कमाता।।
घी चीनी की कमी न होती ,
में खाता मक्खन की रोटी
हमेशा मुस्कुराते रहिए यही है मेरा अरमान , जब कोई आप से मतलब न रखे बन जाओ उसका में मेहमान
जब आपकी इज्जत कोई न करे तो , आप परेशान ना रहिए उसके सामने हमेशा खुश रहिए
आत्मविश्वास हमेशा सही होने से नही आता,बल्कि गलत होने का डर न होने से होता है
आत्मविश्वास हमेशा सही होने से नही आता,बल्कि गलत होने का डर न होने से होता है