I'm Harish and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsहाथो की लकीरें भी ऐसा खेल खेल रही है ।। मानो की कोई शतरंज का मोहरा हो ।।। जीत की इतने पास आकर भी ।। उसने ना शह दी ना मात , फिर भी में हार बैठा ।।
तेरी निगाहें तेरे दिल का हाल बता गए ।। जो ना केह सके वो जज्बात के गए ।। मुलाकात तो कुछ पलो की हुए थी ।। बाते तो उनमें सदियों की हो गए ।।
इतिफाक भी इतिफाक से आता है ।। इतिफाक में जो ना चाहा वो मिलता है।। दिल से जो चाहा वो कोशिसो के बावजूद ना मिल पाया ।। इतिफाक में ही सही एक बार उनका नजरिया मिल गया ।।
तनहाई के बाज़ार में चला था मोहब्बत खरीदने ।। हैसियत ना थी हमारी जितने उसके दाम थे ।। सोचा चोरी कर के उसे वहा से छीन लू ।। पर कम्बख्तों ने देख ने से पहले ही ।। बेवफ़ाई का दाग लगा दिया ।।
चिंतामनी उसे सब ने बोला ।। एक दंत जिसे सब ने माना ।। वक्रतुंड वो है शिव नंदन ।। लम्बोदर तुझे शत शत वंदन ।।
तेरी हर कोशिश तेरी मंजिल से बात करेंगी।। होंसले छोड़ वो तेरी उम्मीद भी तोड़ेगी।। तेरे खून में भी तेरा पसीना होगा।। बरकत जब तुझपे तेरे यार की होगी।।