S Ram Verma
Literary Colonel
AUTHOR OF THE YEAR 2019 - NOMINEE

453
Posts
212
Followers
33
Following

मेरे विशुद्ध भावों की अभिव्यक्ति है मेरी कविताएं; या यूं कहूं की मेरे पुरूषत्व के अंदर कहीं छुपी स्त्री है मेरी कविताएं।

Share with friends
Earned badges
See all

मोहब्बत तो आज भी मुफ़्त में मिलती है ; पर इश्क़ की तो कीमत चुकानी ही पड़ती है ।

जब शब्द हो जाते हैं निरुत्तर ; तब मौन से मिलता है उत्तर !

मैंने भी ख़्वाबों के कई दरख़्त महकाएं है ; ये सोचकर कि वो अच्छी खुशबू का तलबगार है !

जिस से दूर रह कर भी तुम अकेले न रहो ; याद रखना एक उसी के साथ तुम रहने योग्य हो !

इश्क़ और मोहब्बत के मिलन का एक मात्र गवाह हूँ मैं ; हाँ उन दोनों की तरूणाई का प्रतीक लाल गुलाब हूँ मैं !

तुम वो रूहानी कविता हो ; जो मेरे भावों से गढ़ी गई हो !

वो अपनी दुकान मंदिर के खुदा के नाम से चलाए जा रहे हैं ; और एक हम है जो अपने अंदर के खुदा को मारे जा रहे हैं !

मैं तो था लिपटा हुआ कोरे कागजों की स्याही में ; एक वो थी सिमटी हुई मेरी कविताओं के छंदों में

सुनो ले चलो अपनी इन पलकों कि सरहद के उस पार तुम मुझे ; इस गहरी झील में तुम मेरा हाथ पकड़कर इसे पार कराओ मुझे !


Feed

Library

Write

Notification
Profile