સગો તો નથી,પણ સદાય જે
શીખવે ભરપૂર કોઈ નો સગો નહીં
"સમય"
-શ્રદ્ધા વ્યાસ શાહ
एक हसीन खयाल हो तुम!
जझ़बाती अल्फाझ हो तुम!
श्रद्धा व्यास शाह
कइ खवाब बोए थे मैंने।
पर तेरी जुदाई मे
पर नींदने भी ली बिदाई?
मेरी "आज" की खवाहिशो के धागे
हमारा आनेवाला "कल" न बुन पाइ!
खुदसे खुब लडने-झघडने का इरादा है।
कयोकि तु मुज़में, मुझसे कइ ज्यादा है।