I'm deepti and I love to read StoryMirror contents.
जमाना बोलने वालों से, डर कर बोलता है। जो चुप रहते हैं उन्हीं पे, मुँह को खोलता है। तरह देते हैं उन्हें हरदफ़ा, जो बख्शते इज़्ज़त। जो कान सुन लेते हैं उन्हीं में, जहर घोलता है। -दीप्ति सक्सेना