Arunima
Share with friendsहै शूल तो क्या राहों में, तू मुस्कुराता बढ़ता चल। अपनी मुस्कुराहट से तू,हर अंधकार मिटाता चल।। अरुणिमा बहादुर खरे "वैदेही"
हाय हाय ये दौलत और प्यारी तेरी शोहरत, कितनी कितनी आकांक्षाएं,कभी भूख न मिटाए। वक्त का भागता पहिया,कहता अब तो है जाना। धरा का ये खजाना,धरा पर ही रह जाना।। अरुणिमा बहादुर खरे "वैदेही"
भाग भाग कर जब तू हारे, अंतस को कर लेना भ्रमण। प्रियतम तेरा वहाँ ही विराजे, कर लेना तू दिव्य सा दर्शन।। अरूणिमा बहादुर खरे "वैदेही"
खुशियां, खुशियां तू करे, इत उत भागत जाए। बैठ पल दो पल खुद में , खुशियां मिलने आए।। अरुणिमा बहादुर खरे "वैदेही"