इश्क में उनके मिर्जा गालिब-सा हाल हुआ है बेशक गले तक ना मिले वो हमसे पर उनकी रूह ने बखूबी मेरे दिल को छुहा है
इश्क में उनके मिर्जा गालिब-सा हाल हुआ है बेशक गले तक ना मिले वो हमसे पर उनकी रूह ने बखूबी मेरे दिल को छुहा है
प्यार में बन्दिश नहीं होती... फिर क्यों तेरी किसी ओर से नजदीकियाँ मुझसे देखी नहीं जाती... मैं लिखता हूँ आजाद परिंदे सा होता है इश्क़... फिर क्यों मुझसे तेरी ये आजादी देखी नहीं जाती...
प्यार में बन्दिश नहीं होती... फिर क्यों तेरी किसी ओर से नजदीकियाँ मुझसे देखी नहीं जाती... मैं लिखता हूँ आजाद परिंदे सा होता है इश्क़... फिर क्यों मुझसे तेरी ये आजादी देखी नहीं जाती...