हम वो सूरज नही, जो बादल से डर छिप जाए। हम वो जूगनु है जो अँधेरे में अकेले निकल आते है ।।
जलती आग को, जो मैंने सुलगता छोड़ दिया । बेलगाम कदमो को, जो मैंने बहकाता छोड़ दिया ।। इतना किया प्यार की पथ्थर दिल मोम हो गया, आज खुशी से इस दिल को पिघलता छोड़ दिया।।