I'm kundan and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsहवा कम पड़ रही है, दवा कम पड़ रही है, शमशान में चिताओं को जलाने की, और कब्रिस्तान में दफनाने को जमीन कम पड़ रही है, चारो ओर का मातम का माहौल छह रहा है, यू तो एक चेहरे पे हजार नकाब लिए फिरते हो, तो मुंह पर एक और नकाब डाल लो न क्या जाता है।