सुखनवर
तुम से बना था बंधन विश्वास का तुम्हारा यकीन निकला किस आस का
कोई जगह खूबसूरत नहीं बन सकती जब तक के वहां के लोग अच्छे न हो अगर लोग बुरे हों तो जगह भी बुरी लगने लगती है