कर न कोशिश
कैद करने की
पंछी हूँ उड़ जाऊंगा
छोड़ो कर मुझे खुला
दोगे जो गाना प्यार का
हर बार लौट आऊँगा
कर न कोशिश
कैद करने की
पंछी हूँ उड़ जाऊंगा
छोड़ो कर मुझे खुला
दोगे जो गाना प्यार का
हर बार लौट आऊँगा
पहली मोहब्बत से ज्यादा सच्ची मोहब्बत किसी से नही होती
वो लफ़्ज़ों की मस्ती
वो आंखों में छलावा
और करते भी क्या थे हम
तुम्हे देखने के अलावा
खून को पसीना बनाना पड़ता है
कुछ पाने के लिए
तिनका तिनका जोड़ना पड़ता है
एक घोसला बनाने के लिए
तू इतनी भी हसीन नही
कि तेरे चेहरे पर मर मिटू
तेरी मासूमियत पर प्यार आया
तो मैं क्या करूँ
निकला था दुनिया जीतने
उनके पास खुद को हार आया हूँ
मैं लाख बुरा सही
पर तू भी सच्चा नहीं
मैं गुनाहगार सही
पर तू भी बेगुनाह नहीं
मैं शैतान सही
पर तु भी तो भगवान नहीं
कभी रजामंदी तो कभी बगावत है इश्क,
मोहब्बत राधा की है तो मीरा की इबादत है इश्क