रंजना उपाध्याय
Literary Captain
66
Posts
94
Followers
1
Following

I'm रंजना and I love to read StoryMirror contents.

Share with friends

सपने में अपनी मोहब्बत को बहुत करीब से देखा। कफन से लिपटी और शरीर जलते देखा।।

आज कल तुन्हें दिल से चाहने लगी हूँ। आंखों ही आंखों से प्यार लुटाने लगी हूँ।।

किसी की लाल चूड़ी हाथों में छोड़ आया। अपनी माँ की गोद को सूनी छोड़ आया।

बाजारों में भीड़ कुछ यूं लगी थी। हमने जाकर देखा तो गुलाब लेने वाली खड़ी थी।


Feed

Library

Write

Notification
Profile