Rakhi Prajapat
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I'm Rakhi and I love to read StoryMirror contents.

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अगर ख़्वाब लिखूं....तो तेरे साथ ज़िंदगी लिख दूं और अगर हकीकत लिखूं.....मेरी ख्वाबों की दुनिया में अपना लिख दूं

जब सच सामने आया तब माहौल कुछ और था आज वो मेरी जगह खड़ा था जहां मुझे गुनहगार ठहराया गया था जहां कल मेरी नज़र झुकी थी वहा वो आज खामोश था....

कैसे जुड़ेगा वो दिल जो एक गलतफहमी से टूट गया समझाने की कोशिश ना तुमने की ना उन्होंने समझने की , और देखते ही देखते वो प्यार भरा रिश्ता टूट के पलभर में बिखर गया

हमें उनके द्वारा भी झूठा ठहराया गया जिनके द्वारा कभी हमारे सच की मिसाल दी जाती थी


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