I am post graduate in Hindi lit from Devi ahilya university Indore and ,B.Ed from kurukshetrs university hariyana ।I love writing a poems and reading also others great writers books and novels .
Share with friendsअब किसी से क्या गिला करें , जब अपनी तकदीर ही बेवफा हो गई । मंजिल की जुस्तजू कर ही रहे थे के ,उसकी राहें भी खो गई ।
"बहनों और भाइयों" से जो अपनी बात शुरू करते थे , क्या कहें ? कैसे कहे? , अब वो कशिश से भरी आवाज़ कहां खो गई !
बेटी की कमी को , जिसने अपने प्यार और सेवा से पूरा किया । मेरी बहू बिटिया ने , हमारे जीवन की हर कमी को पूरा किया।
हम पसीने से रहें तर, बतर आखिर कब तक। अरे सर्दी रानी ! अब तो आ जा !! यूं उमस के पसीने और आंसुओं से दामन भिगोएं कब तक ?