I am post graduate in Hindi lit from Devi ahilya university Indore and ,B.Ed from kurukshetrs university hariyana ।I love writing a poems and reading also others great writers books and novels .
Share with friendsआते तो है लोग राजनीति में सेवा भाव से , मगर इनके उद्देश्य बदल जाते है । न जाने क्या नशा है इस क्षेत्र में , जो अपनी राह भटक जाते हैं ।
दिल आया मेंढकी पर , तो पद्मिनी क्या चीज है । डूबने आए थे भक्ति के महाकुंभ में और डूब गए किसी की भूरी आंखों में । ऐसे निकृष्ट लोगों के लिए ईमान क्या चीज है डूब मरो पाखंडियों !
सियासत का अगर चख ले एक बार इंसान , तो कहां पीछे हटता है ! गुड़ में लिपटी मक्खी की तरह भले ही छटपटाए , मगर डटा रहता है ।
सरकार ने जब से सेवक लोगों की अनेकों सुविधाएं क्या प्रदान कर दीं, खत्म हुई गरज और मजबूरी अब इनकी , इन्होंने मालिकों की जिंदगी दुभर कर दी ।
देश की रक्षा करने वालों संग भी अब अनाचार बढ़नेलगा , देखो साथियों ! किस तरह समाज में व्यभिचार बढ़ने लगा
देश की रक्षा करने वालों संग भी अब अनाचार बढ़ने लगा, बड़े दुख की बात है , इस कमजोर सियासत के कारण कितना व्यभिचार बढ़ने लगा।
सात्विक मन के साथ स्वर की मधुरता भक्ति संगीत में वो रंग लाती है । अपने साथ और रूहों को वो ईश्वर से मिलाती है ।
ए दिल ! नामुमकिन ही लगता है। इस जहां में अपने ख्वाबों की ताबीर होना । खुशनसीब हैं वो और हमारे नसीब में ही बस अश्क बहाना,आहें भरना ।