Writer, Poet, Athlete, Works at Indian Railways (ECR)
Share with friendsस्याही की जरूरत नहीं, खाली खत को भी पढ़ जाता हूँ, एक लेखक हूँ, जो ना देखूँ वो भी समझ जाता हूँ। - Kundan Victory
ये वक्त का सितम था या मर्जी खुदा की, तुमने हमको या हमने खुद को सजा दी, ये तेरी नाराजगी अब हमसे ना सही जाती, हम तुमको मनाए तूने ये हक भी कहाँ दी..