Kundan Victorita
Literary Captain
27
Posts
21
Followers
1
Following

Writer, Poet, Athlete, Works at Indian Railways (ECR)

Share with friends

कमबख्त शिकायत किसे है वक्त से हम तो मारे फिरे है तेरी मोहलत के... - Kundan Victory

हैरान हूं जो बोलती थी कि मैं उसकी जान हूं आज बोल गई मैं कौन हूं?

स्याही की जरूरत नहीं, खाली खत को भी पढ़ जाता हूँ, एक लेखक हूँ, जो ना देखूँ वो भी समझ जाता हूँ। - Kundan Victory

ये वक्त का सितम था या मर्जी खुदा की, तुमने हमको या हमने खुद को सजा दी, ये तेरी नाराजगी अब हमसे ना सही जाती, हम तुमको मनाए तूने ये हक भी कहाँ दी..

तुम करीब हो फिर भी नसीब में नहीं....

माना कि मंजिले आसान नहीं होंगी, पर 'लूजर' मेरी पहचान नहीं होगी।

बहुत फर्क है मुझमें और आपमें, आप भगवान भरोसे रहते हैं और मैं भगवान का भरोसा नहीं तोड़ सकता।


Feed

Library

Write

Notification
Profile