ये अपनी तिश्नगी ले कर कहो किधर जायें,
सुकून अब नहीं मिलता शराब पीने से ...
इस दिल में किस किस को जगह दें साहब,
ग़म रखें,दम रखें,फरियाद रखें या तेरी याद रखें!!
इस दिल में किस किस को जगह दें साहब,
ग़म रखें,दम रखें,फरियाद रखें या तेरी याद रखें!!
हमें तो अपने दिल की धड़कनों पे भी यक़ीं नहीं
ख़ोशा वो लोग जिन को दूसरों पे ए'तिबार है
क़ब्र पे बागवां की बनाया है़ महल
और फ़िर ये भी कि खुली हवा चाहो।
उसी का शहर वही मुद्दई वही मुंसिफ़
हमें यक़ीं था हमारा क़ुसूर निकलेगा
उसी का शहर वही मुद्दई वही मुंसिफ़
हमें यक़ीं था हमारा क़ुसूर निकलेगा