Chinmayee Sahoo
Literary Colonel
AUTHOR OF THE YEAR 2021 - NOMINEE

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Housewife B.A

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किनारे पर आवाज लगानेवालों को क्या पता की पानी की स्रोत कितना प्रबल है, वो तो उसे ही पता ,, जो बीच मझधार में कस्ती सम्भाल रहा हो

किनारे पर आवाज लगानेवालों को क्या पता की पानी की स्रोत कितना प्रबल है, वो तो उसे ही पता ,, जो बीच मझधार में कस्ती सम्भाल रहा हो

किनारे पर आवाज लगानेवालों को क्या पता की पानी की स्रोत कितना प्रबल है, वो तो उसे ही पता ,, जो बीच मझधार में कस्ती सम्भाल रहा हो

किनारे पर आवाज लगानेवालों को क्या पता की पानी की स्रोत कितना प्रबल है, वो तो उसे ही पता ,, जो बीच मझधार में कस्ती सम्भाल रहा हो

जो एक कदम आगे हम तक आए हम दो कदम आगे बढ़ते हैं, जो एक कदम पीछे हट जाए हम मुड़के कभी न देखते हैं।

"दर्द जब आंसु बन जाए तो कहर बनके टुटता है, प्यार जब बेरूखी बनाए तो जहरीले सांप कि तरह डंसता है।"

हर पल जीयो जी भरके खुशी हो या गम कौनसी पल हो आखरि तुम्हारी जानो तुम न हम। ✍️चिन्मयी साहु। जगतसिंहपुर।

दर्द जब आंसु बन जाए तो कहर बनके टुटता है, प्यार जब बेरूखि बनजाए तो जहर से ज्यादा कष्ट दायक हो जाता है।

"ମାଟି ମୋର ମାଆ ମାଟି ମୋର ସାହା ମାଟି ରୁ ଗଢା ଜୀବନ ମାଟିର ପରଶେ ଅପୂର୍ବ ପ୍ରଶାନ୍ତି ପୁଲକିତ ହୁଏ ପ୍ରାଣ।"


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