किनारे पर आवाज लगानेवालों को क्या पता की पानी की स्रोत कितना प्रबल है, वो तो उसे ही पता ,, जो बीच मझधार में कस्ती सम्भाल रहा हो
किनारे पर आवाज लगानेवालों को क्या पता की पानी की स्रोत कितना प्रबल है, वो तो उसे ही पता ,, जो बीच मझधार में कस्ती सम्भाल रहा हो
किनारे पर आवाज लगानेवालों को क्या पता की पानी की स्रोत कितना प्रबल है, वो तो उसे ही पता ,, जो बीच मझधार में कस्ती सम्भाल रहा हो
किनारे पर आवाज लगानेवालों को क्या पता की पानी की स्रोत कितना प्रबल है, वो तो उसे ही पता ,, जो बीच मझधार में कस्ती सम्भाल रहा हो
हर पल जीयो जी भरके खुशी हो या गम कौनसी पल हो आखरि तुम्हारी जानो तुम न हम। ✍️चिन्मयी साहु। जगतसिंहपुर।
दर्द जब आंसु बन जाए तो कहर बनके टुटता है, प्यार जब बेरूखि बनजाए तो जहर से ज्यादा कष्ट दायक हो जाता है।