STORYMIRROR




00:00
00:00

शर्त ए है कि कोई शर्त न रखी जाए

शर्त ए है ज़िंदगी को छूती हुई एक नई ग़ज़ल
Enjoy more

शर्त ए है कि कोई शर्त न रखी जाए
ज़िंदगी को छूती हुई एक नई ग़ज़ल
ग़ज़ल 1 : वही का़तिल वही शाहिद !

वही क़ातिल, वही शाहिद, वही मुंसिफ़ रहा मेरा