मेरा अंतिम समय सिर्फ मेरा हो।
मेरी पवित्रता ही मेरा विसर्जन होगी।।
वो शाम .....मैं भी जीना चाहता हूं
जिसमें तुझे ख्वाब हसीन आते है।
SRM
दरम्यान तेरे मेरे बहुत कुछ है
तुम कुछ बाते निभा नहीं सकते
मैं कुछ बाते बता नहीं सकता।
एक ना एक दिन
वो मंजिल पा ही लूंगा
चाहे ये फकीर उस मंजर पर
राख ही क्यूं ना हो जाए।
तन्हा ही खूबसूरत हूं मैं।
अपनी सिमटती जान का
गुलशन ए मोहब्बत हूं मैं
क्या कोई सहारे की चाह रखूं
आसमां भी नहीं,खुद का छत हूं मैं
जमाना जिसका ना तो मैं नजरिया
न ही इस जमाने की आदत हूं मैं
भीड़ - भीड़ गैरों में कुछ नहीं
पर तन्हा खूबसूरत हूं मैं